कांधला में अतिथि देवो भव

 एक हिन्दू अपने जीवन में बहुत से संस्कारों को निभाकर जीवन यापन करता है और उसके बाद उसके परिजन उन संस्कारों का दायित्व निभाते हैं. पुश्तैनी शिवालय अंदोसर मंदिर नई बस्ती कांधला में रहने वाले ग्वालियर मध्य प्रदेश के निवासी राजेंद्र शर्मा उर्फ दुबे जी के परिवार ने जब उनके मृत्यु उपरांत संस्कारों को निभाने के प्रति उपेक्षित रवैय्या अपनाया तब मंदिर के एकमात्र रजिस्टर्ड ट्रस्ट मंदिर महादेव मारूफ शिवाला कांधला धर्मार्थ ट्रस्ट (रजिस्टर्ड) ने अतिथि देवो भव परंपरा का पालन करते हुए उनके मृत्यु उपरांत संस्कारों को पूरा किया. ट्रस्ट द्वारा पहले दुबे जी की अस्थियों को यमुना नदी में प्रवाहित कराया गया, कोरोना के विकराल समय होने के कारण वहां सेनेटाइजेशन का कार्य कराया गया. फिर दुबे जी मन्दिर में जिस कमरे में रहते थे, उसमे से उन्हें दान मे प्राप्त कपड़ों, बर्तनों आदि का पंडित राधेश्याम जी के कहे अनुसार वितरण किया गया, उनके कमरे से प्राप्त 19,330 रुपयों से उस कमरे की पुताई ट्रस्ट द्वारा करायी गयी और ट्रस्ट की अध्यक्ष शालिनी कौशिक एडवोकेट और महासचिव डॉ शिखा कौशिक द्वारा पंडित राधेश्याम जी की सलाह पर और एक अन्य प्रवासी सत्यनारायण गिरी महाराज जी की उपस्थिति में यह निर्णय किया गया कि दुबे जी के कमरे से प्राप्त रुपयों से गौशाला, श्मशान घाट को दान और हवन के दान आदि का खर्चा किया जाएगा और भोज का खर्च ट्रस्ट द्वारा ही उठाया जाएगा.... कांधला कस्बे की अतिथि देवो भव परंपरा को मन्दिर महादेव मारूफ शिवाला कांधला धर्मार्थ ट्रस्ट (रजिस्टर्ड) द्वारा और कैसे निभाया गया जानने के लिए देखते रहिए ट्रस्ट का next वीडियो...



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