स्व बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट स्मृति पुस्तकालय - भाग 11



 सवाल घर नहीं बुनियाद पर उठाया है,

हमारे पांव की मिट्टी ने सर उठाया है.

      मशहूर शायर राहत इंदौरी के यह अशआर एक हकीकत थी मंदिर महादेव मारूफ शिवाला कांधला धर्मार्थ ट्रस्ट (रजिस्टर्ड) के पूर्वजों के पुश्तैनी शिवालय अंदोसर मंदिर की स्थापना की सत्यता को कांधला के हिन्दू धर्मावलंबियों के एक विशेष वर्ग द्वारा दी गई चुनौती की जिसका सामना करने की शक्ति प्रदान की गई प्रभु भोलेनाथ द्वारा ये भाव उत्पन्न कर

किताबें जिंदगी का वो अस्त्र हैं

जो बिना किसी को घाव दिए

हमें जीत हासिल करने में सहायता करती हैं.

   और प्रभु भोलेनाथ की इसी प्रेरणा को मन में रखकर और पुश्तैनी शिवालय अंदोसर मंदिर के संस्थापक हकीम शिवनाथ जी , पंडित शिव प्रसाद जी और पंडित शिव सिंह जी की सांतवी पीढ़ी में जन्मे स्व बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट जी के पुस्तकों के प्रति प्रेम और उनके द्वारा बाल्यावस्था में अध्ययन हेतु घर से इतनी दूर स्थापित अंदोसर मंदिर को अध्ययन करने के स्थान के रूप में वरीयता देने के भाव को हृदय में संजोकर ट्रस्ट द्वारा बाबूजी की जयंती 3 जनवरी को 2021 में स्व बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट स्मृति पुस्तकालय की पुश्तैनी शिवालय में आधारशिला रखी गई और सर्वप्रथम वहां गीता प्रेस गोरखपुर से लाई हुई धार्मिक पुस्तकों श्री राम चरित मानस, समस्त वेद, पुराण, वाल्मीकि रामायण आदि पाठकों के निशुल्क पठन हेतु उपलब्ध करायी गयी, उसके बाद बाबूजी के संग्रह से कानूनी पुस्तकें, बाबूजी की धर्म पत्नी स्व श्रीमती बीना कौशिक एडवोकेट जी की कानूनी पुस्तकें, बाबू जी के पुत्र स्व श्री शरद कौशिक की कानूनी व प्रतियोगिता साहित्य की पुस्तकें, बाबूजी के छोटे भाई और अभियोजन निदेशालय लखनऊ के पूर्व निदेशक स्व श्री गिरीश प्रसाद कौशिक जी की कानूनी पुस्तकें, कस्टम एक्साइज के पूर्व सुपरिटेंडेंट श्री राजीव प्रसाद कौशिक जी की कानूनी पुस्तकें, ट्रस्ट की अध्यक्ष शालिनी कौशिक एडवोकेट और महासचिव डॉ शिखा कौशिक के संग्रह से प्रतियोगिता साहित्य वहां पाठकों के लिए निशुल्क पठन हेतु उपलब्ध कराया गया है, यही नहीं पुस्तकालय हेतु संसदीय सेवा से सेवा निवृत्त, विधि भारती परिषद की संस्थापक महासचिव श्रीमती संतोष खन्ना जी द्वारा दिल्ली से भेजी गई पुस्तकें, सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ मीनाक्षी जोशी जी द्वारा गुजरात से भेजी गई पुस्तकें और पटना बिहार से सुप्रसिद्ध साहित्यकार और हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो मंगला रानी जी द्वारा स्व रचित एवं महान साहित्यकार स्व डॉ सीताराम दीन जी और स्व डॉ उषा रानी जी द्वारा रचित अमूल्य साहित्य और दरभंगा बिहार से दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में शिक्षा विभाग में सहायक प्राध्यापिका डॉ रीता सिंह जी द्वारा भेजा गया स्व रचित बहू मूल्य साहित्य पाठकों के लिए निशुल्क पठन-पाठन हेतु ट्रस्ट ने पुस्तकालय में उपलब्ध कराया है जिसके पीछे ट्रस्ट की आज के अहम भरे समाज में केवल यही महत्वाकांक्षा है -

बारूद के बदले हाथों में आ जाए किताब तो अच्छा हो,

ए काश हमारी आँखों का इक्कीसवाँ ख़्वाब तो अच्छा हो.

     हर हर महादेव

     जय श्री राम

    🙏🌹🌹🙏

शालिनी कौशिक एडवोकेट 

अध्यक्ष 

मंदिर महादेव मारूफ शिवाला कांधला धर्मार्थ ट्रस्ट (रजिस्टर्ड) 



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