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हमारे शिवालय - सिद्ध पीठ पुश्तैनी शिवालय अंदोसर मंदिर की महिमा अपरम्पार

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   कर्ण दल की नगरी कांधला के नाम से प्रसिद्ध कस्बे में उत्तर दिशा में पुरसीवाडा (पंजाब) से आए पंडित रामचंद्र जी के तीन पुत्रों हकीम शिवनाथ जी, पंडित शिव प्रसाद जी और पंडित शिव सिंह जी द्वारा वर्ष 1800 से पूर्व पुश्तैनी शिवालय अंदोसर मंदिर की नई बस्ती कांधला में स्थापना की गई. मन्दिर महादेव मारूफ शिवाला कांधला के नाम से राजस्व कागजातों मे दर्ज यह मन्दिर प्राचीन काल से साधू संतों की श्रद्धा का केंद्र रहा है. क्षेत्र के निवासियों का कहना है कि यहां आने जाने वाले साधू संतों का जमावड़ा रहता था और 24 घण्टे भट्टी चढ़ी रहती थी. मन्दिर में स्थित शिवलिंग सफेद रंग का है और सूर्य की पहली किरण सर्वप्रथम शिवलिंग और माँ पार्वती के दर्शन करने के लिए उपस्थित होती है. कहते हैं कि एक बार जब लम्बे समय तक वर्षा नहीं हुई तब शिवालय में पानी भरकर इसके दरवाजे बंद कर दिए गए थे, जिसके बाद खूब वर्षा हुई थी. दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालु ज़न अपनी हथेली की सुगंध से ही मन्दिर के सिद्ध पीठ होने की घोषणा करते हैं और यहां आकर प्रभु दर्शन होते ही अपनी मनोकामना पूरी होने के उल्लास से भर जाते हैं. मन्दिर तक पहुंचने